चंदौली जिले में अगर आप सोशल मीडिया पर कुछ भी पोस्ट कर रहे हैं तो सावधान हो जाएं और जोश में होश नहीं खोएं, क्योंकि चंदौली पुलिस जाति धर्म पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने, सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने, धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने या भड़काऊ मैसेज पोस्ट शेयर करने वालों पर पैनी नजर रख रही है। फेसबुक पर विशेष जाती के नाम पर उन्माद फैलाने वाले पोस्ट पर पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी, इस संबंध में चंदौली के पुलिस अधीक्षक डॉक्टर अनिल कुमार ने कहा कि अभिभावकों को अपने बच्चों पर ध्यान देना चाहिए नहीं तो एक पोस्ट की वजह से बच्चों का करियर खराब हो जाएगा ।
आपको बता दें कि चुनाव परिणाम के नतीजों के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर राजनीतिक समर्थकों द्वारा कई तरह के आपत्तिजनक पोस्ट किये जा रहे हैं जिसकी निगरानी पुलिस द्वारा बड़े ही मुस्तैदी के साथ की जा रही है हाल ही में मुख्यमंत्री के ऊपर जनपद के एक युवक द्वारा आपत्तिजनक पोस्ट किया गया था जिसको लेकर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए जेल की हवा खिला दी। इसी क्रम में चंदौली पुलिस का दो टूक आपसी सौहार्द करोगे फेल, सीधे होगी जेल जी हाँ चंदौली पुलिस का कहना है कि चुनाव परिणाम हो या किसी धर्म-जाति विशेष के ऊपर की गई ऐसी टिप्पणी जिससे समाज में नकारात्मकता का संचार हो और शांति व्यवस्था भंग हो, ऐसे बोलबचन व टिप्पणी खड़ी कर सकते हैं आपके लिये मुसीबत बड़ी। कानून व्यवस्था बनाए रखने को पुलिस सभी सोशल मीडिया माध्यमों पर पूरी नजर बनाए हुए है। कुछ भी आपत्तिजनक और नकारात्मक मिलने पर मुकदमा लिखने और अन्य विधिक कार्यवाही की प्रक्रिया तेजी से प्रचलित है। खासकर युवा इस कार्यवाही की गंभीरता को जाने बगैर सोशल मीडिया पर लाइक कमेंट के फेर में फंस रहे हैं। रोजाना पुलिस बड़ी संख्या में मुकदमे दर्ज कर कार्यवाही कर रही है। ऐसा करने पर ऐसे गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं जिसका दंश जीवनभर आपको झेलना पड़ेगा। जैसे कि यदि किसी पर मुकदमा लिख गया तो सरकारी नौकरी लगना तो दूर प्राइवेट भी नहीं कर सकते हैं। क्यों कि हर जगह चरित्र प्रमाण पत्र मांगा जाता है। इसके अलावा कोई सोचे की ठेकेदारी सरकारी विभागों से जुड़ा हुआ कोई कार्य कर सकेगा तो वहां भी पुलिस वेरीफिकेशन प्राथमिक हो गया है। पासपोर्ट भी नहीं बन पायेगा।इसके साथ ही सामाजिक प्रतिष्ठा भी खराब होगी।
इस संबंध में पुलिस अधीक्षक डॉक्टर अनिल कुमार ने आम जनमानस से अपील करते हुए कहा कि अभिभावकों को चाहिए कि वह अपने बच्चों को इसकी गंभीरता से अवगत कराते हुए अच्छे व सभ्रांत नागरिक बनने के लिये प्रेरित करें। सोशल मीडिया पर ऐसा करने वालों के खिलाफ कड़ी लेख कार्रवाई करेगी। सोशल मीडिया का दुरुपयोग नहीं करें,न किसी की भावना को आहत करें, न किसी पर कुछ गलत टिप्पणी कर उसे शेयर करें। जिससे किसी की भावना आहत हो। ऐसे पोस्ट करने या शेयर करने वालों पर पुलिस की इंटरनेट मीडिया यूनिट नजर रख रही है। यू-ट्यूब और फेसबुक पर विशेष जाती के नाम पर उन्माद फैलाने वाले पोस्ट पर पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी।