अजय प्रजापति हत्याकांडः पुलिस के गिरफ्त से बाहर नामजद दो आरोपी, मृतक के परिजनों को मिली धमकी आरोपी नरेंद्र सिंह के चाचा फतेह बहादुर सिंह पर आरोप, मृतक की बहन से बोला-‘तुम लोग होश में रहो, नहीं तो तुम लोगों का हाल भी वही होगा जो गांव के हवलदार नाई का किया था’।’कमालपुर धीना थाना के करजरा गांव में गत शनिवार को जमीनी विवाद में हुई अजय प्रसाद प्रजापति की हत्या में नामजद दो आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। वहीं, आरोपियों के रिश्तेदार द्वारा मृतक के परिजनों को धमकी दिए जाने का मामला सामने आया है। मृतक के भाई शम्भू नाथ प्रजापति ने पुलिस को तहरीर देकर सुरक्षा की गुहार लगाई है।धीना थाना के प्रभारी निरीक्षक को दिए तहरीर में शम्भू नाथ ने लिखा है, ‘मेरे भाई अजय प्रसाद की मृत्यु पर मेरे परिजन तथा मेरी बहन मेरे घर आकर रो रहे थे और विपक्षियों को कुछ बोल रहे थे। इस बीच अभियुक्त नरेंद्र सिंह का चाचा फतेह बहादुर सिंह मेरे घर के सामने आकर मेरी बहन प्रभावती देवी को गाली गुप्ता देते हुए कहने लगा कि तुम लोग होश में रहो, नहीं तो तुम लोगों का हाल भी वही होगा जो गांव के हवलदार नाई का किया था। और जानमाल की धमकी देते हुए चले गये। मैं सूचना देने आया हूं।’हवलदार नाई के बाबत पूछने पर शम्भू नाथ ने बताया कि हवलदार नाई गांव के ही थे। वह फौज में नौकरी करते थे। सेवानिवृत्ति के बाद जब वह वापस घर आए तो उनके रहन-सहन आरोपियों और उनके परिवार को पसंद नहीं आ रहे थे। किसी बात को लेकर इन लोगों ने उनके घर में घूसकर उन्हें बूरी तरह से मारा-पीटा था और उन्हें अक्सर परेशान करते रहते थे। इनके दहशत की वजह से वे गांव में अपनी संपत्ति बेचकर परिवार के साथ जमनिया में जा बसे।शम्भू नाथ का कहना है कि मुझ पर बहुत दबाव है। अब लोग सीधे घर पर आकर धमकी देने लगे हैं। हत्यारों ने उस दिन मेरे भाई के बेटों की भी हत्या करने की कोशिश की थी। एक ने वहां से भागकर अपनी जान बचाई जबकि दूसरा मरते-मरते बचा है। हत्यारों ने उस पर भी फावड़े से प्रहार किया था लेकिन फावड़ा मुड़ जाने की वजह से उसका बट ही उसके हाथ पर लग पाया। इसके बाद उन्होंने उसे उठाकर पटक दिया। अस्पताल में लोगों ने उसका मेडिकल चेकअप तक करने नहीं दिया। अभी भी दो हत्यारे फरार हैं जिससे हमारा परिवार और रिश्तेदार दहशत में हैं।बता दें कि गत 6 जुलाई की सुबह अजय प्रसाद प्रजापति अपनी निजी भूमि पर चहारदीवारी की निर्माण करा रहे थे। आरोपों के मुताबिक, उसी समय गांव के नरेंद्र सिंह और उनके दो बेटे आशीष सिंह और अभिषेक सिंह ने उनके पास पहुंचे और उनकी निजी भूमि पर रास्ता छोड़ने की मांग करने लगे। उन्होंने मना किया तो वे उन्हें गाली-गलौज करते हुए मारने-पीटने लगे। इस दौरान अभिषेक सिंह ने फावड़े से उनके सिर पर प्रहार कर दिया जिससे वे मौके पर ही गिर पड़े। उनके सिर से भारी मात्रा में खून बहने लगा और वे बेहोश हो गए। परिजनों ने गंभीर रूप से घायल अजय प्रसाद को इलाज के लिए बीएचयू ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया। जहां रविवार की सुबह उनकी मौत हो गई। मामले में धीना थाना में प्रथम सूचना रपट दर्ज है। पुलिस ने नामजद एक आरोपी अभिषेक सिंह को गिरफ्तार कर लिया है जबकि अन्य आरोपी नरेंद्र सिंह और आशीष सिंह अभी भी फरार हैं। फरार आरोपियों की गिरफ्तारी और मुआवजे की मांग को लेकर ग्रामीणों ने सोमवार को धानापुर-जमानिया मार्ग जाम कर दिया था। दो दिनों के अंदर नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी के आश्वासन पर ग्रामीणों ने जाम खत्म किया। घटना के पांच दिनों बाद भी फरार नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस प्रशासन द्वारा दिए गए आश्वासन की अवधि भी आज खत्म हो चुकी है। पुलिस ने धीना थाना में दर्ज प्राथमिकी में भारतीय न्याय संहिता की हत्या की धारा-103 (1) की बढ़ोत्तरी कर दी है।