spot_img
22.9 C
New York
spot_img
spot_img

Dr Mahendra nath pandey : भाजपा के साथ बढ़ता गया कद, जानिए छात्र राजनीति से केंद्रीय मंत्री तक सफर…

WHATSAPP CHANNEL JOIN BUTTON VC KHABAR

Published:

spot_img
- Advertisement -

Chandauli news  : केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय ने राजनीति का ककहरा बीएचयू से सीखा. छात्र जीवन से ही वह आरएसएस से जुड़े रहे. उनकी छवि एक सुलझे और संघर्षशील नेता की है. गाजीपुर (सैदपुर) के पखनपुर गांव के मूल निवासी डा पाण्डेय का जन्म 15 अक्टूबर 1957 को हुआ.लेकिन उनकी कर्मभूमि बनारस ही रही है. वर्तमान में वाराणसी के विनायका के सरस्वती नगर में उनका निवास है. महेंद्र पांडेय ने एमए, पीएचडी के साथ ही मास्टर आफ जर्नलिज्म की भी डिग्री भी बीएचयू से हासिल की है.

डॉ महेंद्र नाथ पांडेय छात्र जीवन से राजनीति में आए. 1973 में सीएम एंग्लो बंगाली इंटर कॉलेज में छात्रसंघ के अध्यक्ष चुने गए. इसके बाद 1978 में बीएचयू में छात्रसंघ के महामंत्री निर्वाचित हुए. आपातकाल में उन्हें जेल जाना पड़ा. रामजन्मभूमि आंदोलन के दौरान उन्हें जेल जाना पड़ा. बीएचयू से एमए, पीएचडी के साथ ही पत्रकारिता में परास्नातक डिग्री पूरी की. वर्ष 1978 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े. 1975-76 एवीबीपी के वाराणसी जिला संयोजक रहे. 1985-86 में भाजयुमो का प्रदेश मंत्री बनाया. 1987 में भाजपा उत्तर प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य चुने गए. 

इसके बाद पहली बार 1991 में सैदपुर (गाजीपुर) विधानसभा से विधायक चुने गए. वहीं 1996 में भी दोबारा सैदपुर का प्रतिनिधित्व किया. डा. पांडेय उत्तर प्रदेश विधान मंडल के मंत्री रहे. भाजपा-बसपा गठबंधन सरकार में आवास एवं नगर विकास राज्यमंत्री, मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के कार्यकाल में नियोजन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे. इस दौरान उनके मंत्रित्व काल की बड़ी तारीफ हुई. उन्हें कई अवार्डों से भी नवाजा गया. इसके अलावा प्रदेश में राजनाथ सिंह व स्वर्गीय रामप्रकाश गुप्ता के कार्यकाल में पंचायती राज्य मंत्री रहे. इसके बाद संगठन के विभिन्न पदों पर रहे और अपनी प्रतिभा से संगठन को मजबूती प्रदान की.

इस दौरान 2009में पार्टी ने उन्हें भदोही लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया. लेकिन करारी शिकस्त झेलनी पड़ी.हालांकि पार्टी ने एक बार फिर उन पर भरोसा जताया और मोदी लहर में डॉ. पांडेय पहली बार 2014 में चंदौली से सांसद चुने गए. इस लोकसभा चुनाव में डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय ने 16 साल बाद इस सीट से भाजपा को जीत दिलाई थी. डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय को 4 लाख 14 हजार 135 वोट मिले थे. उन्होंने बसपा प्रत्याशी अनिल कुमार मौर्या को एक लाख 56 हजार 756 वोट के भारी अंतर से हराया था. उनका यह कार्यकाल न सिर्फ चंदौली बल्कि निजी तौर पर भी ऐतिहासिक रहा. जुलाई 2016 में डॉ. पांडेय को मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री बनाया गया.

मुगलसराय का नाम दीनदयाल के नाम पर कराया

चंदौली से लोकसभा का सदस्य निर्वाचित होने के बाद उन्होंने अपनी जबरदस्त उपस्थिति सदन में दर्ज कराई. अपने निर्वाचन क्षेत्र में पेयजल, बिजली, आपूर्ति, किसानों की समस्या, सिंचाई, प्राइमरी शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क ओवरब्रिज आदि से जुड़े मुद्दे बराबर लोकसभा में उठाते रहे. रिंगरोड के निर्माण में आ रही बाधा को दूर करने में मुगलसराय स्टेशन का नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर कराने में महत्वपूर्ण भूमिका रही. हालांकि इस बाबत विपक्षी पार्टियों का तीखा विरोध भी झेलना पड़ा. लेकिन एकात्मवाद के प्रणेता पं दीनदयाल उपाध्याय के सिद्धांतो को जिले में स्थापित करन में महत्वपूर्ण महती भूमिका अदा की.

यूपी में पार्टी अध्यक्ष बनने से पहले केंद्र में मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री थे. संघ और भाजपा में अच्छी हैसियत रखने वाले महेंद्र नाथ पांडेय ने पार्टी के एक अनुशासित फौजी के रूप में दोहरी जिम्मेदारी निभाई. चंदौली में बहैसियत सासंद अपने कर्तव्य पूरे करने के साथ ही वह पार्टी और संगठन के कामों में तालमेल बैठाकर चुनाव प्रचार में जुटे रहे. जिसके बदले उन्हें उनकी कड़ी मेहनत का इनाम भी मिला है.

चंदौली में 2019 उनके मुकाबले सपा-बसपा गठबंधन के संजय सिंह चौहान और जअपा-कांग्रेस गठबंधन की शिवकन्या कुशवाहा चुनावी मैदान पर रहे। इस बार चुनाव में डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय को 5 लाख 10 हजार 733 वोट मिले. उन्होंने सपा-बसपा गठबंधन के संयज सिंह चौहान को 13 हजार 959 वोट के अंतर से हराया. चंदौली सीट के मतदाताओं ने उन्हें दोबारा सांसद चुनकर लोकसभा में भेजने का काम किया. लेकिन इस चुनाव को जीतने में मोदी मैजिक के साथ ही डॉ पांडेय की मेहनत और कार्यकर्ताओं की निष्ठा और विश्वास ने बड़ी भूमिका अदा की. 

चंदौली से लोकसभा सांसद महेंद्र नाथ पांडेय को मोदी सरकार पार्ट 2 में भी कैबिनेट मंत्री बनाया गया. देश की युवा पीढ़ी की जिम्मेदारी देते हुए अहम मंत्रालय कौशल विकास एवं उद्यमिता का मंत्री बनाया गया. बाद में 2021 में उन्हें भारी उद्योग मंत्री का दायित्व सौंपा गया. जिसके बाद देश के बड़े उद्योगों को लेकर एक क्रांति आई और भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में विश्व पटल पर आई.

यूपी बीजेपी में भाजपा का ब्राह्मण चेहरा

दरअसल, वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव तक भाजपा को ब्राह्मण- बनियों की पार्टी कहा जाता था. समाज के एक वर्ग में यह चर्चा थी कि पार्टी इस वर्ग के अलावा किसी और के बारे में नहीं सोचती. लिहाजा, पार्टी और संगठन के स्तर पर एक बड़ा बदलाव किया गया. यह बदलाव ओबीसी के साथ ही दलितों को भी संगठन में समाहित करने और उन्हें बराबर का महत्व देने की रणनीति के रूप में हुआ. इसके बाद पार्टी में बातें होने लगीं कि भाजपा में ब्राह्मणों की अनदेखी की जा रही है. इसी के मद्देनजर 2017 में जब सरकार बनी तो केशव प्रसाद मौर्य को उपमुख्यमंत्री पद सौंपा गया और उनके स्थान पर केंद्रीय मंत्री व पूर्वांचल में भाजपा के कद्दावर नेता महेंद्र नाथ पांडेय को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया.

पार्टी नेतृत्व के विश्वासपात्र

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने महेंद्र नाथ पांडेय को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी बड़े लक्ष्यों के साथ सौंपी थी, जिसे पूरा करने में वह काफी हद तक सफल भी रहे हैं। उन्होंने संगठन में सभी वर्गों को संतुष्ट करने का प्रयास किया है. पार्टी पदाधिकारी उनकी सरलता, सौम्यता और मृदुभाषी व्यक्तित्व की प्रशंसा करते हैं. महेंद्र नाथ पांडेय की राम जन्मभूमि आंदोलन में भी भागीदारी रही है. आपातकाल में वह पांच माह के लिए डीआरडीए के तहत जेल भेजे गए थे. प्रथम राम जन्मभूमि आंदोलन में मुलायम सिंह यादव की सरकार में उन्हें रासुका के तहत निरुद्ध कर दिया गया था.

सोशल प्रोफाइल

केंद्रीय मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडेय मोदी के डिजिटल युग में अप्रैल 2014 में ट्विटर से जुड़े. सोशल मीडिया पर देरी से जुड़ने के बावजूद उनकी अच्छी खासी फैन फॉलोइंग है. सोशल मीडिया साइट X (ट्विटर) पर 4.77 लाख से अधिक लोग उन्हें फॉलो करते है. इसके अलावा उनके प्रशंसकों की तरफ कई फेसबुक प्रोफाइल संचालित की जाती है. जिससे हजारों की संख्या में प्रशंसक जुड़े हुए है. इंस्टाग्राम, लिंक्डइन समेत कई अन्य साईट पर इनके प्रशंसकों की बाढ़ है.

- Advertisement -
WHATSAPP CHANNEL JOIN BUTTON VC KHABAR

सम्बंधित ख़बरें

ताज़ा ख़बरें

राष्ट्रिय