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कमालपुर: धृतराष्ट्र बन बैठे है जिम्मेदार,परेशान ग्रामीणों ने लगाई गुहार

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कमालपुर(Kamalpur) स्थानीय कस्बा के हरिजन बस्ती की जनता घरों के नाबदान व शौचालय के गंदा प्रदूषित पानी गलियों में जमा हो जाने से आस पास के लोग नली से गुजर रहे हैं। स्थानीय कस्बा का एक तालाब जो वर्तमान समय में अस्तित्व विहीन हो चुकी है।पहले आस पास के बस्ती के लोगों का पानी तालाब में समाहित हो जाया करता था।

हरिजन बस्ती के जल निकासी को लेकर आधी अधूरी नाली बनाई गई है। वास्तव में देखा जाय तो बस्ती मुख्य नाली से खाल में है। बस्ती में लगा गंदा पानी मुख्य नाली में न जाकर जमा हो गया है। तालाब का अतिक्रमण,तथा जल मग्न होने से गली का पानी कही भी जाने में असमर्थ है।

प्रधान पर मनमानी का आरोप

मौके पर उपस्थित महिलाएं और पुरुषों का कहना है कि आज हम लोग महीनों से नारकीय जीवन यापन कर रहे हैं।ग्राम प्रधान से कहा गया तो साफ शब्दों में कहा अपने पैसे से बनावा लो।हमारे पास सरकारी धन नहीं हैं।एक तरफ देखा जाय तो गांव सभा के विकास के नाम पर सरकार द्वारा करोड़ों रुपए आवंटित किया जा चुका है फिर भी गांव की गरीब,असमर्थ, जनता घरों के गंदा पानी गलियों में जमा के बीच रह रही है और गली से गुजर रही है।वही मीरा देवी,कंचन देवी,हीरावती,अमिता, किरन,कलावती देवी,विरोधी,प्रमोद,लोहा का कहना है कि प्रदूषित जल भराव गली में हम लोग किस प्रकार से जीवन यापन कर रहे हैं जिला प्रशासन को दिखाई नहीं दे रहा है। किसी भी समय भयंकर बीमारियों की भेट हम लोग चढ़ सकते हैं।

नहीं की गई समुचित व्यवस्था तो परिवार सहित सड़क पर उतरने को होंगे मजबूर!

नालियों का निर्माण करके जल निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं की गई तो हम लोग बाध्य होकर परिवार सहित सड़क पर उतरने को मजबूर होंगे। स्थानीय कस्बा का भौगोलिक निरीक्षण कर देखा जाए तो सड़क के दोनों तरफ नालियां बनी हैं।समय समय पर हकीकत में साफ सफाई होती रहे तो कभी भी पूरे गांव सभा में कही भी एक बूंद पानी जमा नहीं हो सकता है। एक तरफ गांव के सर्वांगीण विकास का ढिंढोरा,दूसरी तरफ नाबदान और शौचालय के प्रदूषित पानी के बीच जी रहे गरीब परिवार के लोग बीमारियों की भय से घरों में सिमटे हुए हैं।

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