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AFSPA Act Manipur : क्या मणिपुर में फिर से लागू होगा AFSPA Act,जानिए क्यों उठी मांग

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AFSPA Act Manipur : मणिपुर हिंसा(manipur violence) की जो भयानक तस्वीरें सामने आई है उसके बाद यह कानून काफी चर्चा में है और लोग इसे दोबारा लागू करने की भी मांग कर रहे हैं। इस कानून को लागू करना या न करना केंद्र सरकार के ऊपर निर्भर करता है लेकिन हम आपके सामने लेकर आए हैं इस कानून की विशेष जानकारी जो कम से कम इस कानून को लेकर आपकी समझ बढ़ाएगी।

About AFSPA, 1958

AFSPA यानि Armed Forces (Special Powers) act, एक कानून है जो भारत के कुछ विशेष क्षेत्रों में लागू किया जाता है। इस कानून को वर्ष 1958 में लागू किया ज गया था। इसके तहत सुरक्षाबलों को किसी भी अशांत क्षेत्र में विशेष अधिकारों की अनुमति दी गई थी जिसके माध्यम से सुरक्षा बल उस क्षेत्र में कानून व्यवस्था लागू कर सकें और राष्ट्र विरोधी गतिविधियां रोक सके और आतंक के खिलाफ लड़ सकें।

AFSPA first implemented in which state

Afspa को लाने का मुख्य उद्देश्य उत्तर पूर्व के वह इलाके जहां पर अशांति का यंत्र वहां पर सुरक्षाबलों को विशेष अधिकार देना। इन क्षेत्रों में आसाम मणिपुर नागालैंड अरुणाचल प्रदेश त्रिपुरा और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों में इसका प्रयोग किया गया था

AFSPA Act removed from which state

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हालांकि वर्तमान में केंद्र सरकार ने मणिपुर समेत कई राज्यों से इस कानून को हटा दिया है। इस कानून के तहत सुरक्षा बलों को किसी भी संदिग्ध को गिरफ्तार करने, सर्च ऑपरेशन कर ने , किसी संपत्ति को सीज करने और उसे नष्ट करने का अधिकार भी दिया गया है।
इस कानून की सबसे विशेष बात यह है कि जिस क्षेत्र में यह लागू है वहां पर यदि कोई सुरक्षा बलों की कोई भी गतिविधि सिविल कोर्ट के अंदर नहीं जाएगी अर्थात उस पर कोई भी केस या जांच नहीं चल सकता।

कैसे लागू होता है AFSPA Act।(How is the AFSPA Act applicable?)

इस कानून को लागू करना केंद्र सरकार के ऊपर निर्भर करता है कि जिस क्षेत्र में अशांति और सुरक्षा और राष्ट्र विरोधी गतिविधियां हो वहां पर वह इसे लागू कर सकता है।
हालांकि 1 साल के अंतराल के बाद इसका रिनुअल करने का नियम है।

इस कानून को लेकर लोगों के भी राय काफी अलग-अलग है

इस कानून के विरोध में मानवाधिकार संगठनों से जुड़े लोगों का कहना है कि इस कानून की वजह से लोगों के जो मूलभूत अधिकार हैं वह खत्म हो सकते हैं और इसका दुरुपयोग हो सकता है।

वही इसके पक्ष में होने वाले लोगों का कहना है की इस कानून को लागू किए बना अशांत क्षेत्रों को शांत नहीं किया जा सकता है इसलिए इसका लागू होना जरूरी है।

तो देखने वाली यह बात है कि क्या केंद्र सरकार मणिपुर की हिंसा को शांत करने के लिए वहां पर फिर से इस कानून को लाने के लिए सोचती है अथवा नहीं।

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