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Vc khabar chandauli जिला संवाददाता फरीदु द्दीन       ईट भटठो पर मजदूरों के बच्चों को शिक्षित करने का प्रयास कर रहें हैं डा 0 देवेद्र प्रताप सिँह कमालपुर – सकलडीहा विकास क्षेत्र के कम्पोजिट विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक डॉ० देवेन्द्र प्रताप सिंह क्षेत्र के भट्ठों पर जाकर मजदूरों के बच्चों को स्लेट पेंसिल कापी देकर स्कूल के लिए प्रेरित किया ।क्षेत्र में दर्जनों ईंट भट्ठा हैं जिस पर कापी संख्या में ईंट पथाई ईंट ढुलाई , पकाई के काम में मजदूर लगे रहते है । ये मजदूर झारखंड ‘ छत्तीस गढ़ , उत्तर प्रदेश के चकिया ‘ लखीमपुर खीरी जनपदों से आते हैं । ये मजदूर अपने परिवार के बीबी बच्चों के साथ अक्टूबर महीने से जून तक अस्थायी निवास बनाकर रहते हैं बच्चे पढ़ नहीं पातें हैं । इसके लिए कम्पोजिट विद्याल रैपुरा के प्रभारी प्रधानाध्यापक डा० देवेन्द्र प्रताप सिंद भट्ठो पर जाकर अक्षर ज्ञान शब्द ज्ञान का बोध कराए । बच्चों को स्लेट ‘ कापी ‘ पेंसिल कलम दिए । अभिभावकों से कहा कि गांव जाकर अपने बच्चों को प्रतिदिन स्कूल भेजे । सरकार की ओर से ड्रेस ‘ कितावें झोला ‘ जूता मोजा सहित दोपहर का भोजन मुफ्त दिया जाता है।

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Vc khabar chandauli जिला संवाददाता फरीदु द्दीन नरायनपुर पम्प कैनाल के संचालन में आड़े आ रहा जलस्तर पम्प कैनाल संचालन को लेकर एक्सईएन से मिले सपा के राष्ट्रीय सचिव चंदौली।              समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव मनोज सिंह डब्लू नरायनपुर पम्प कैनाल के संचालन को लेकर सोमवार को वाराणसी में एक्सईएन रविशंकर मिश्र से मिले। इस दौरान उन्होंने पम्प कैनाल के संचालन में आ रही दिक्कतों को लेकर जवाब तलब किया और किसानों के हित में तत्काल पम्प को चलाए जाने की आवश्यकता जताई। इस पर एक्सईएन ने गंगा नदी के जलस्तर कम होने का हवाला दिया। कहा कि जब तक गंगा नदी का जलस्तर में सुधार नहीं होता, पम्प कैनाल को चलाने का आदेश नहीं दिया जा सकता।इस पर मनोज सिंह डब्लू ने इसके पीछे की वजह जाननी चाहिए तो एक्सईएन द्वारा बताया गया कि गंगा के जलस्तर में सुधार की गुंजाइश पांच-छह दिन में होने की है। क्योंकि कानपुर बैराज से कुछ पानी छोड़ा गया है। इसके अलावा बरसात भी होने लगी है। ऐसे में जैसे ही गंगा का जलस्तर 60 के करीब पहुंच जाएगा। पम्प कैनाल को चलाने की अनुमति दे दी जाएगी। इसके कम जलस्तर होने पर पम्प कैनाल चलाने से गंगा के जीव-जन्तु व जलीय प्राणियों के जीवन पर खतरा उत्पन्न हो जाएगा। साथ ही केंद्रीय जल आयोग के नियमों का उल्लंघन भी होगा। क्योंकि केंद्रीय जल आयोग ने सभी पम्प कैनालों के संचालन के लिए मानक निर्धारित कर रखा है। इस पर मनोज सिंह डब्लू ने भूपौली व चक्का बांध पम्प कैनाल के संचालित होने की बात कही तो उन्होंने बताया कि उन पम्प कैनालों के संचालन के लिए जलस्तर की सीमा 57 मीटर निर्धारित की गयी है। एक्सईएन ने भरोसा दिया कि जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी और पम्प कैनाल का संचालन करके किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध होने लगेगा।

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