मुख्यालय स्थित हरिओम हॉस्पिटल में गीता जयंती के अवसर पर मरीजों और तीमारदारों में यथार्थ गीता का वितरण किया गया। इस दौरान श्रद्धा की अलख जगी साथ ही इस धार्मिक ग्रंथ को आत्मसात करने का संकल्प लिया गया।
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अस्पताल संचालक डॉक्टर विवेक सिंह कहा कि गीता लोगों को धर्म के मार्ग पर चलना सिखाती है। गीता ही एकमात्र ऐसा ग्रंथ है, जिसकी हर साल जयंती मनाई जाती है। इसे अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए। गीता भगवान के मुख से निकली वाणी है जिसे सद्गुरु स्वामी अड़गड़ानंद जी महाराज ने यथार्थ गीता के रूप में सरल भाषा में अनुवादित किया है। पढ़ने से जीवन में सुख और शांति की अनुभूति प्राप्त होती है। मान्यता है कि जिस दिन श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था उस दिन मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी थी, इसीलिए इस दिन को गीता जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस दौरान अस्पताल में 100 लोगों में यथार्थ गीता का वितरण किया गया। मरीज उनके तीमरदार और अस्पताल में आने वाले अन्य लोग यथार्थ गीता पाकर काफी आनंदित नजर आए।