गाजीपुर। आर्मी जवान के पार्थिव शरीर को प्राइवेट एंबुलेंस से घर भेजे जाने से परिजन आक्रोशित हो गए हैं। वे वाराणसी-गाजीपुर बार्डर स्थित खरौना में राजवाड़ी पुल पर हाइवे जाम कर दिए हैं। इससे दोनों तरफ की गाड़ियां जहां-तहां खड़ी हो गई है। प्रदर्शनकारी मांग कर रहे हैं आर्मी जवान के पार्थिव शरीर को सेना की गाड़ी से ही भेजा जाए। सादात थाना क्षेत्र के इकरा गांव निवासी आर्मी जवान हवलदार राजेंद्र यादव की शुक्रवार को जम्मू कश्मीर के लाला द बाग में ड्यूटी के दौरान हृदयगति रूकने से निधन हो गया था। आर्मी के साथी जवानों के मुताबिक वह ड्यूटी के दौरान गश्त आने पर अचानक गिर पड़े। साथी जवानों ने उन्हें हास्पिटल पहुंचाया, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। आर्मी अधिकारियों से सूचना मिलते ही परिजनों के रोने- बिलखने से चीख- पुकार मच गई। परिवार में सैनिक की पत्नी रीता देवी अपने दोनों बच्चों के साथ गांव पर ही रहती हैं। सैनिक का बड़ा पुत्र अंश सात वर्ष का है और दूसरा पुत्र आयुष यादव पांच वर्ष का है। राजेंद्र यादव 2009 में आर्मी में भर्ती हुए थे। पढ़ाई लिखाई गांव के ही स्कूल में हुई थी। अभी एक महीने पहले ही छुट्टी लेकर घर आए थे और सबसे मिल कर गए थे। बच्चों से वादा करके गए थे कि छुट्टी मिलते ही घर आऊंगा। मृतक राजेंद्र यादव तीन भाइयों में दूसरे नंबर पर थे। इनके बड़े भाई राज यादव भी आर्मी में इस समय दिल्ली में तैनात हैं। पिता रामसकल यादव ने बताया कि पुत्र राजेंद्र का बचपन से ही आर्मी में भर्ती होने का सपना था। उस समय काफी खुशी हुई थी, लेकिन आज पुत्र के निधन की सूचना मिलते ही पूरे परिवार के लोगों के आंखों के आंसू नहीं रुक रहे हैं। पत्नी रीता देवी, मां नागेश्वरी देवी के रोने- बिलखने से गांव में चीख- पुकार मची हुई थी।
Ghazipur News: आर्मी जवान के पार्थिव शव को प्राइवेट एंबुलेंस से लाने पर आक्रोशित ग्रामीणों ने किया रजवाड़ी पुल पर चक्काजाम, प्रशासन के छूटे पसीने
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