Chandauli news : एक तरफ केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की योगी सरकार परिषदीय विद्यालयों में सुधार करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं । ताकि परिषदीय स्कूलों में भी कॉन्वेंट स्कूलों की तर्ज पर पठन पाठन की ब्यवस्था हो सके। जिससे कि परिषदीय विद्यालयों के दिन पर दिन बिगड़ते हालात में सुधार हो सके,लेकिन कुछ भ्रस्ट अध्यापकों और स्थानीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण सरकार की मंसा धरातल पर फलीभूत होती नहीं दिखाई दे रही हैं।
दरअसल पूरा मामला चकिया बीआरसी क्षेत्र के पूर्व माध्यमिक विद्यालय भटवारा का है । जहाँ विद्यालय में एक शिक्षा मित्र व एक अनुदेशक समेत कुल पाँच अध्यापकों की नियुक्ति की गई है। जिसमे से चार अध्यापक स्कूल पर रेगुलर आते हैं। लेकिन विद्यालय में एक अध्यापक ऐसे भी है जो घर बैठकर वेतन ले रहे हैं। जैनेन्द्र सिंह वो अध्यापक हैं जो ड्यूटी करने में विश्वास नहीं रखते हैं। जनाब महीने में मुश्किल से कुछ ही दिन स्कूल जाते हैं। और मास्टर साहब स्कूल चले भी गए तो एंट्री रजिस्टर पर साइन करने के बाद स्कूल से गायब हो जाते हैं। जैनेन्द्र सिंह के ऊपर विभाग द्वारा कार्यवाही भी की गई है। खण्ड शिक्षा अधिकारी के द्वारा एक दिन का आठ बार वेतन भी काटा गया है। कार्यवाही के बाद भी मास्टर साहब के रवैये में रत्ती भर भी सुधार नहीं हुआ है। कार्यवाही के बाद भी जनाब घर बैठकर सरकारी वेतन लाभ ले रहे हैं।
इस बाबत खण्ड शिक्षा अधिकारी राम टहल ने बताया कि मामला संज्ञान में है। पूर्व में भी जैनेन्द्र सिंह के ऊपर कई बार कार्यवाही की गई है। लेकिन इनके ब्यवहार में सुधार नहीं आया है। जैनेन्द्र सिंह चेतावनी दी जाएगी। चेतावनी के बाद भी अगर इनका यही रवैया रहा तो इनके खिलाफ निलंबन की कार्यवाही की जाएगी। अब ये देखना दिलचस्प होगा कि खण्ड शिक्षा अधिकारी के चेतावनी देने के बाद मास्टर साहब के रवैये में सुधार होता है या मास्टर साहब अपने पुराने ढर्रे पर ही बने रहते हैं