गाजीपुर। मोहम्मदाबाद तहसील अंतर्गत आज अली अहमद एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी एवं पूर्वांचल ग्रामीण विकास एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा तहसील मुख्यालय पर स्थित अष्ट शहिद सभागार में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ झबलू राम की दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर नियुक्ति के बाद गृह जनपद आगमन पर प्रेस वार्ता एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर मैं और मेरा जीवन संघर्ष एवं हास्य का समाज पर बोलते हुए मुख्य अतिथि डॉ झबलू राम ने कहा कि कभी भी मनुष्य को हार नहीं माननी चाहिए और इंसान को अपनी जिंदगी के लक्ष्य को हमेशा देखकर कार्य करने पर कामयाबी जरूर मिलती है। उन्होंने यह भी कहा कि
लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती।. कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। जी हाँ दोस्तों जिन्होंने मेहनत के बल पर कभी हिम्मत न हारते हुए बाबा साहब डॉक्टर अम्बेडकर को अपना आदर्श मानते हुए मां पिता के बताये मार्ग का पालन करते हुए ऊंचाइयों को छुआ है। वह शख्स किसी परिचय का मोहताज नहीं, एक ऐसा जिसने गांव की पगडंडियों से निकलकर एशिया के प्रसिद्ध विश्वविद्यालय काशी हिंदू विश्वविद्यालय से स्नातक ऑनर्स हिंदी, परास्नातक हिंदी व नेट, जेआरएफ के साथ हिंदी विषय से ही पीएचडी करके देश की प्रतिष्ठित राजधानी दिल्ली में प्रोफेसर के पद पर चयनित हुआ हूं , और मेरा ही नाम डॉ झबलूराम है।
उल्लेखनीय है कि डी डाबलू राम, ग्राम करकटपुर, पोस्ट भरौली, थाना करीमुद्दीनपुर जिला गाजीपुर के रहने वाले है। इनकी माता स्व० अस्तुरनी देवी जो कैंसर की गंभीर बीमारी के चलते 2017 में स्वर्गवास हो गया। इनके पिता स्व० हीरा राज जी भी कोरोना काल में 2021 में स्वर्गवास हो गया। इनकी माता जी जचकानी का काम कर अपने बेटा को प्रोफेसर बनाया। पिता मजदूरी का काम करते थे। माता-पिता के साथ ईंट पाथने के बाद रात में घर से चार पांच किलोमीटर जाया करते थे।
उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि माता-पिता तुल्य प्रो० संयज पासवान पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं एम एल सी बिहार, प्रो० प्रमांशी जयदेव प्रो० गुरू प्रकाश पासवान, प्रो० अदिति नारायणी पासवान, मेरी बहन सुलाखी एवं मानकी देवी एवं भाई बबलू, ममता, पत्नी गीता, बृजमान राम, मामी अभिलाषा, प्रो० शंकर कुमार लाल, संतोष कुमार, प्रो० अखिलेश भारती, प्रो० धीरज कुमार वर्मा, का हमेशा सहयोग ने आज मुझे इस मुकाम पर पहुंचा है ।
उन्होंने बताया कि प्रारम्भिक शिक्षा हार्टगन इंटर कॉलेज, हार्टमनपुर से हुई। हाई स्कूल एवं इण्टरमीडिएट जनता जनार्दन इंटर कॉलेज, गांधीनगर, गाजीपुर उत्तर प्रदेश से हुई। यहीं के अध्यापक डॉ शिववरण गौतम एवं स्वर्गीय कोमला सिंह कुशवाहा जी के मार्गदर्शन में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी से बी.ए. एम.ए एवं शोध कार्य किया जिसका विषय हिंदी दलित आत्मकथाओं का समाजशास्त्रीय अध्ययन पर प्रो० बिपिन कुमार के निर्देशन में संपन्न किये।
उन्होंने बताया कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति छात्र कार्यक्रम आयोजन समितिके 2010-2011 में अध्यक्ष पद पर रहते हुए मानवता के सजग प्रहरी संत रविदास जयंती के अवसर पर अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार के आयोजन सचिव रहे। दो दर्जन शोध पत्र देश की महत्वपूर्ण पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुका है। इनको सामाजिक कार्य के लिए तीन राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। इनका 12 अन्र्तराष्ट्रीय सेमिनार, 35 राष्ट्रीय सेमिनार एवं 10 राष्ट्रीय कार्यशाला में अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया है। वर्तमान में हिंदी सलाहकार समिति के सदस्य संचार मंत्रालय भारत सरकार में पद को सुशोभित कर रहे है।
एक प्रश्न के उत्तर में डॉ० डाबलू राम ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी स्वर्गीय माँ व पिता को दिया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से संस्था के निदेशक ( पी आर डी टी आइ) कपिल देव केसरी ,उपाध्यक्ष( ए ए ई डब्ल्यू एस )आफरीन बेगम पट अतवारी देवी देवंती देवी सुनील चौहान वीरेंद्र गौतम सावित्री देवी भागमिनी देवी अनिल कुमार शशि कुमार अभिमन्यु कुमार नाजिम रजा अरमान खान मुख्य रूप से उपस्थित थे। मुख्य अतिथि डॉ झबलू राम का दोनों संस्था का परिचय एवं कार्य की जानकारी खान अहमद जावेद ने दिया।
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