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Ghazipur news: महाराज सुहेलदेव ने सदैव दबे कुचले लोगों के उत्थान में अपना पूरा जीवन व्यतीत किया =ओमप्रकाश सिंह

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…महाराज सुहेलदेव का हर्षोल्लास के साथ मनाया गया विजय दिवस…

नगसर।  सोनहरियां‌ वन में सोमवार को महाराज सुहेलदेव राजभर का विजय दिवस उल्लास के साथ मनाया गया। आयोजकों ने उनके जीवन पर विस्तार से चर्चा करते हुए उनके आदर्शों पर चलने का आह्वान किया।इस दौरान सांस्कृतिक संगोष्ठी और मेला का भी आयोजन किया गया, यह कार्यक्रम देर रात्रि तक चला,जिसमें सदुर जगहों से लोगों ने इस विजय दिवस में प्रतिभाग किया।इसका शुभारंभ मुख्य अतिथि प्रदेश सरकार के पूर्व पर्यटन मंत्री और जमानियां के वर्तमान विधायक ओमप्रकाश सिंह ने महाराज सुहेलदेव के प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर और फीताकाटकर किया।इस दौरान बोलते हुए मुख्य  अतिथि  विधायक ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि  महाराज सुहेलदेव ने सदैव दबे कुचले लोगों के उत्थान में अपना पूरा जीवन व्यतीत कर दिया। उनका कहना था कि किसी भी समाज का उत्थान तभी हो सकता है, जब शत प्रतिशत साक्षरता हो। ऐसे में हम सभी की जिम्मेदारी है कि उनके बताए आदर्शों पर चलकर समाज व देश के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें। प्रेमसागर राजभर ने विजय दिवस पर बोलते हुए कहा कि भारत में 11वीं शताब्दी के अनिश्चिततापूर्ण वातावरण में राष्ट्र नायक के रूप में सनातन संस्कृति के ध्वजवाहक महाराजा सुहेलदेव राजभर का उदय हुआ था।कहा कि महाराजा सुहेलदेव भगवान सूर्यदेव के उपासक और धार्मिक प्रवृति के थे।उन्होंने कहा,कि उन्होंने अपने साम्राज्य का विस्तार पूरब में गोरखपुर और पश्चिम में सीतापुर तक किया। उन्हेंं आसपास के सभी राजाओं एवं प्रजा की अपार निष्ठा व स्नेह प्राप्त था। युद्ध कौशल में निपुण महाराज सुहेलदेव राजभर से उनके अन्य समस्त समकालीन शासक भी प्रभावित थे।उन्होंने कहा कि उनके विजय दिवस पर संकल्प लेना चाहिए कि समाज को उनके जीवन दर्शन को पढ़-समझकर एकता, अखंडता, राष्ट्रधर्म के प्रति निष्ठावान रहते हुए राष्ट्र की संस्कृति, उसकी परंपराओं की रक्षा के प्रति सदैव तत्पर रहे। इस अवसर पर मन्नू सिंह, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सीमा यादव ,सपा की राष्ट्रीय महिला संगठन सचिव शौर्या सिंह,अनिल,गिरीश राय,सोनू राय,भरत यादव,कमलेश राजभर,सन्तोष राजभर,गुलशन ,पतेन्द्र राजभर,बृजेश राजभर आदि मौजूद रहे।अध्यक्षता अक्षय राजभर व संचालन दुलारचंद राजभर ने किया।

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