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अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस : ग्राम्या संस्थान ने किया जागरूकता कार्यक्रम, खराब स्वास्थ्य, अशिक्षा व सुरक्षा को बताया चुनौती

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Chandauli news : अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के उपलक्ष्य में बुधवार को ‘डीएमए प्रोजेक्ट’ के तहत ग्राम्या संस्थान एवं महिला कल्याण विभाग की ओर सेकृषि विज्ञान केन्द्र सभागार में कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसका शुभारम्भ समारोह के मुख्य अतिथि अपर जिला न्यायाधीश एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं आमंत्रित अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया. इसके पश्चात उपस्थित किशोरियों के एक छोटे समूह के स्वागत गीत प्रस्तुति एवं पुष्पगुच्छ देकर सभी अतिथियों का स्वागत किया गया.

ग्राम्या संस्थान की अध्यक्ष बिन्दु सिंह ने कहा कि आज लड़कियों के समक्ष कई चुनौतियां हैं. जिनमें अशिक्षा, खराब स्वास्थ्य, कुपोषण, जेण्डर आधारित भेदभाव के कारण उनका समुचित प्रतिनिधित्व ही चुनौती है. इसके अलावा घरेलू हिंसा के मुद्दे, यौनिक हिंसा एवं कम उम्र में विवाह, सुरक्षा जैसी कुछ प्रमुख चुनौतियां हैं. बालिका दिवस के दिन हम सभी यह सुनिश्चित करें कि उनको भी आगे बढ़ाने के लिए हम बराबरी का दर्ज़ा दें, उनका स्वास्थ्य बेहतर हो, उनके अनुकूल स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हों, वे शिक्षित हो और जेण्डर आधारित हिंसा, भेदभाव के मुद्दों पर आवाज उठाने में सक्षम हों सके.

वहीं मुख्य अतिथि रिजवाना ने लड़कियों की शिक्षा, सुरक्षा तथा पंचायत बैठकों, योजना निर्माण में किशोरियों के समुचित प्रतिनिधित्व पर जोर दिया. कहा कि बालिकाओं को यह समझने की जरूरत है कि उन्हें भी बालकों के समान अधिकार प्राप्त हैं. आज बालिकाओं की शिक्षा एवं उनकी स्थिति में दो-तीन दशक पहले की तुलना में काफी सुधार हुआ है. 

जिला समाज कल्याण अधिकारी ने विभाग की योजनाओं के बारे में जानकारी दी. सीओ ने बच्चों के लिए चार मूलभूत अधिकारों, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना, सहित बच्चों के प्रति होने वाले यौन दुर्व्यवहार से सुरक्षा कानून के बारे में मूलभूत जानकारी दी. नारी शक्ति के रूप में उपस्थित किशोरियों को शिक्षित होने पर जोर दिया. इसके लिए सपने देखना, बड़े सपने देखना, अच्छे करियर के बारे में सोचने और आगे बढ़ने के लिये प्रोत्साहित किया किया. 

डीपीओ ने सभी किशोरियां के द्वारा साझा किए गए अनुभवों एवं समारोह में उनके द्वारा दी गई प्रस्तुतियों की सराहना की। उन्होनें कहा कि किसी प्रकार के दुर्व्यवहार, हिंसा, इत्यादि होने पर खुलकर बोलने, शिकायत करने के बारे में बताया. लड़कियां आज लड़कों से किसी मामले में पीछे नहीं हैं. वे सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ रही हैं. हमें अपनी मानसिक सोच को बदलने की आवश्यकता पर जोर दिया. कार्यक्रम में महिला कल्याण विभाग से प्रभात कुमार, सीडब्ल्यूसी सदस्य धर्मेंद्र एवं डॉ. किरन त्रिपाठी, संचालन परियोजना समन्वयक नीतू ने किया.

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