⭕ट्रांसपोर्ट बिजनेस से शुरू हुआ करोड़ों के हिसाब रखने का सफर
किरण नाई वरिष्ठ पत्रकार
रायपुर:- खबर छत्तीसगढ़ के रायपुर से है जहां पर एक ऐसी सत्य घटना पर आधारित लेख आज पाठकों के सामने मैं प्रस्तुत कर रहा हूं जिसे पढ़कर पाठकों को एक नई ऊर्जा का एहसास होगा इसी क्रम में आपको बताते चलें की,कहते हैं ना विपरीत परिस्थितियां इंसान को कहीं से कहीं तक पहुंचा देती है, सिर्फ जरूरत होती है तो बस दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत की। अगर ये जज्बा किसी भी इंसान के अंदर आया तो, वह जीवन में कुछ भी फतह कर सकता है। ऐसे ही विपरीत परिस्थिती और कठिन परिश्रम के एक ज्वलंत उदाहरण सन्यासीपारा निवासी जीत रोड लाइंस के ऑनर अजीत सिंह राजपूत का हैं ।
जीत रोड लाइंस के ऑनर अजीत सिंह राजपूत बताते हैं कि मैंने जीवन में काफी गरीबी देखी। उस समय के दौर में एक-रुपए अमोल था। मजदूरी से लेकर हमाली तक किया। जीवन में काफी उतार चढ़ाव का दौर देखना पड़ा। इतना ही नहीं एक रोड लाइफ में नौकरी शुरू की। नौकरी करते करते-मन सोच आया और क्यों न खुद रोड लाइंस का मालिक बने, लेकिन मेरे पास उतना पैसा नहीं था, फिर मैंने 30 हजार रुपए उधार लिया और मैंने ट्रांसपोर्ट के बिजनेस में कदम रखा।मैंने जीत रोड लाइंस के नाम से ट्रांसपोर्ट का बिजनेश शुरू किया। इसमें भी काफी संघर्ष रहा। धीरे-धीरे मैंने ट्रांसपोर्ट के बिजनेस को बढ़ाया और मुझे काफी सफलता हाथ लगी। पहले किराये के मकान में रहता था फिर मैंने ट्रांसपोर्ट के बिजनेस के कमाई जमीन लिया। जमीन लेने के बाद मैंने घर बनवाया। कड़ी मेहनत करते-करते आज मैं करोड़ों के मालिक बन गया। ट्रांसपोर्ट के बिजनेस मैं अपनी धर्म पत्नी रिंकी सिंह राजपूत को गुडलक मानता हूं। मेरी धर्म पत्नी ने हौसला बढ़ाया और आज के तारीख में इस मुकाम तक पहुंचा।
रावांभाठा स्थित जीत रोड लाइंस के ऑनर अजीत सिंह राजपूत का कहना है कि मैं और मेरी धर्म पत्नी दोनों ही पढ़ाई नहीं किए है। फिर भी आज करोड़ों के बिजनेस को आगे बढ़ा रहे हैं। बता दें कि जीत रोड लाइंस के ऑनर अजीत सिंह राजपूत ने 10 मार्च को अपने शादी की 25वां सालगिराह मनाया। इस दौरान परिवार के सदस्यों के साथ डीजे के धून में जमकर थिरके। शादी की 25वां सालगिराह में अपने दोस्तों को भी आमंत्रित किया था।