Loksabha news : सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव भले ही समाजवादी पार्टी का गढ़ माने जाने वाले चन्दौली में समय से पहले प्रत्याशी की घोषणा कर विरोधी पार्टी पर बढ़त लेने की फिराक में थे. लेकिन उनका यह फैसला आत्मघाती गोल साबित होता दिखाई दे रहा है. क्योंकि वीरेंद्र सिंह के नाम की घोषणा के बाद से ही विरोध के स्वर उठने लगे. पूर्व सांसद रामकिसुन ने तो एक तरह से विरोध का बिगुल ही फूंक दिया. उन्हें बाहरी बताते हुए निष्ठा पर ही सवाल खड़े दिए. जिसके बाद पार्टी का एक धड़ा खास तौर पर भी यादव समाज के लोग सहमति जताते हुए लामबंद भी हो रहे है. इसी क्रम में चहनियां के मारूफपुर में लोक सभा चुनाव में सपा द्वारा घोषित प्रत्याशी को लेकर मारूफपुर में सपा जनों ने एक बैठक कर नाराजगी व्यक्त किया. साथ ही सपा मुखिया पर क्षेत्रीय जन भावना का अनादर करने का आरोप लगाया.
इस दौरान सपा नेता व पूर्व प्रमुख लालता यादव ने कहा कि चंदौली लोकसभा के लिये घोषित प्रत्याशी कई दलों से आये गये है. उनका पार्टी के प्रति समर्पण और निष्ठा कब डोल जाएगी यह निश्चित नहीं है, जैसा कि अभी राज्यसभा के चुनाव के दौरान पार्टी के साथ हो चुका है. जबकि पूर्व सांसद रामकिशुन पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्त्ता हैं, जिन्हे पार्टी मौका देकर कार्यकर्त्ताओं का मनोबल बढ़ाते हुए जीत अपनी झोली में डाल सकती थी.
वहीं पूर्व जिला पंचायत सदस्य चन्द्रमा सिंह यादव ने कहा कि पार्टी मुखिया को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करते हुए पूर्व सांसद रामकिशुन को मौका देकर क्षेत्रीय जन भावना का आदर करना चाहिए. इस बैठक में मौजूद पूर्व सांसद रामकिशुन यादव ने कहा कि पार्टी कार्यकर्त्ताओं अभिवादन करते हूए कहा कि कर्तकर्ताओं का निर्णय ही हमारा निर्णय होगा. कार्यकर्ताओं से विचार विमर्श के बाद ही आगे कोई निर्णय लिया जायेगा.
इस बैठक में मुख्य रूप से श्रवण यादव, चन्द्रमा यादव, बलवंत यादव, बेनी यादव, यशवंत यादव, रत्नेश यादव सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे. इसकी अध्यक्षता रामबहादुर यादव व संचालन श्याम नारायण यादव ने किया.