Ghazipur news: गाजीपुर में युवाओं ने सिंह हॉस्पिटल में रक्तदान कर बचाई महिला की जान; सामाजिक कार्यकर्ता दीपक उपाध्याय की पहल रंग लाई

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गाजीपुर के युवाओं ने आज मानवता की एक अनुपम मिसाल पेश की। सामाजिक कार्यकर्ता व पूर्व छात्रसंघ उपाध्यक्ष दीपक उपाध्याय की एक अपील पर त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए, इन युवाओं ने सिंह हॉस्पिटल में भर्ती एक ज़रूरतमंद महिला, अनुपमा गुप्ता, के लिए रक्तदान कर उन्हें जीवनदान दिया। यह घटना न केवल युवाओं की संवेदनशीलता को दर्शाती है, बल्कि यह भी स्पष्ट करती है कि सही समय पर सही प्रयास किसी के जीवन को बचाने में कितना महत्वपूर्ण हो सकता है।
गंगौली अलावलपुर की निवासी अनुपमा गुप्ता को स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्या के कारण तत्काल सर्जरी की आवश्यकता थी, और डॉक्टरों ने सर्जरी के लिए रक्त की उपलब्धता को अनिवार्य बताया था।  ऐसी नाजुक स्थिति में, अनुपमा के परिजनों ने मदद के लिए गुहार लगाई। यह जानकारी छात्र नेता विकास यादव तक पहुंची, जिन्होंने तत्काल सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहने वाले दीपक उपाध्याय से संपर्क साधा।
दीपक उपाध्याय, जो हमेशा जरूरतमंदों की सहायता के लिए तत्पर रहते हैं, ने इस सूचना को गंभीरता से लिया और बिना किसी देरी के अपने कचहरी निवासी मित्र रतन चौरसिया और मोहन गुप्ता को इस बारे में सूचित किया। इन तीनों युवाओं ने परिस्थिति की गंभीरता को समझते हुए तत्काल रक्तदान करने का निर्णय लिया। वे तुरंत सिंह हॉस्पिटल पहुंचे और अनुपमा गुप्ता के लिए आवश्यक रक्तदान किया।
उनके इस त्वरित और निस्वार्थ कार्य के कारण डॉक्टरों के लिए सर्जरी करना संभव हो सका और अनुपमा गुप्ता को एक नया जीवन मिला।  अस्पताल प्रशासन और अनुपमा के परिजनों ने इन युवाओं के इस मानवीय कार्य के लिए हृदय से आभार व्यक्त किया है।
यह उल्लेखनीय है कि दीपक उपाध्याय पिछले कई वर्षों से रक्तदान के महत्व के बारे में जागरूकता फैला रहे हैं और उन्होंने व्यक्तिगत रूप से और दूसरों को प्रेरित करके सैकड़ों लोगों को रक्तदान करवाया है। उनकी इस पहल के कारण गाजीपुर में कई जरूरतमंद लोगों की जान बचाई जा सकी है।  आज के इस घटना ने एक बार फिर उनके प्रयासों की सफलता को प्रमाणित किया है।
इस निस्वार्थ कार्य की पूरे शहर में सराहना हो रही है।  स्थानीय लोगों का कहना है कि दीपक उपाध्याय और उनकी टीम जिस समर्पण भाव से जरूरतमंदों की मदद के लिए लगातार सक्रिय रहते हैं, वह समाज के लिए एक प्रेरणा है।  यह घटना यह भी दर्शाती है कि युवाओं में समाज सेवा का जज्बा आज भी कायम है और सही मार्गदर्शन मिलने पर वे किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं।
दीपक उपाध्याय ने इस अवसर पर कहा कि, “रक्तदान जीवनदान है और हमें हमेशा दूसरों की मदद के लिए तैयार रहना चाहिए।  मुझे खुशी है कि मेरे मित्रों ने मेरी अपील पर तुरंत प्रतिक्रिया दी और एक बहन की जान बचाने में अपना योगदान दिया।” उन्होंने आगे कहा कि उनकी टीम भविष्य में भी जरूरतमंदों की मदद के लिए हर संभव प्रयास करती रहेगी।

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